ग्रीन हाउस में पराजीनी दलहनी फसलों का प्रबंधन (Management of transgenic pulses crops in greenhouse) | Agriculture | Green House | Pulses | Agriculture in India !
ग्रीन हाउस में पराजीनी दलहनी फसलों का प्रबंधन (Management of transgenic pulses crops in greenhouse)
Malkhan Singh, Technical Officer (IIPR)
Overview (अवलोकन)
ग्रीन हाउस की आवश्यकता (Requirement of Green House):
ग्रीन हाउस में प्रयोग आने वाले उपकरण एवं खादें (Greenhouse equipment and fertilizers):
ग्रीन हाउस में पराजीनी फसलों को तैयार करने के लिए निम्नलिखित उपकरण एवं खादें ( उर्वरक) प्रयोग में लाते हैं :-
क ) उपकरण एवं औजार : तापक्रम मापने के लिए थर्मामीटर , स्प्रेयर , फावड़ा , खुरपी , हजारा , बाल्टी , टब , रबर पाइप आदि ।
ख ) रासायनिक एवं कार्यनिक खादे : उपजाऊ बलूई दोमट मिट्टी , गोबर की खाद ( एम.वाई.एम. ) , वर्मीकम्पोस्ट ( कंचुए की खाद ) , बर्मीकुलाइड कोलोपिट , डी.ए.पी. , यूरिया , गंधक एवं मल्टीन्यूट्रिएन्ट पाउडर आदि ।गमलों का चुनाव करना
(Picking pots) :
ग्रीन हाउस में पराजीनी दलहनी फसलें तैयार करने के लिए जैसे - प्लास्टिक के गमले , मिट्टी के गमले एवं सीमेन्ट पा चीनी मिट्टी के गमले प्रयोग में लाये जा सकते हैं , लेकिन मिट्टी के गमले सर्वोत्तम होते हैं । ये पौषों के लिए पूर्णताः नमी बनाये रखते हैं । गमलों का चुनाव करते समय गमलों के आकार पर भी ध्यान देना चाहिये । अरहर के पौधों को लगाने के लिए 14-16 इंच के बड़े गमले एवं अन्य चना , मटर , मसूर आदि फसलों को लगाने के लिए 10-12 इंच के छोटे गमले प्रयोग में लाना चाहिये ।
मिट्टी तैयार करना एवं गमलों को भरना (Soil preparation and filling of pots):
गमलों में बुवाई करना
(Sowing in pots):
इस प्रकार तैयार किये गये गमलों को चेम्बर के अन्दर पड़ी लोहे की रैकों पर क्रम बनाकर सीधी लाइन में रख कर गमलों में हल्का पानी दे देते हैं । दो या तीन दिन बाद जब गमलों में उचित नमी हो तो खुर्ण से गुड़ाई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लेते हैं । तैयार गमलों में 1-1 बीज डालकर बुवाई कर देते है । गमलों में नमी बनाये रखने के लिए पालीथिन या पुआल से गमलों को ढक देना चाहिए । ऐसा करने से बीज अच्छी तरह एवं जल्दी उग आते हैं ।
कटाई - मड़ाई एवं पौधों के अवशेषों को नष्ट करना (Harvesting - mowing and destroying plant residues):
सावधानियाँ (Precautions):
ग्रीन हाउस में पराजीनी फसलों को तैयार
करने के लिए कुछ सावधानियाँ भी बर्तनी
चाहिए :
1. ग्रीन हाउस में पराजनी फसलों को लगाने से
पहले चेम्बरों की अच्छी तरह साफ सफाई करा
लेनी चाहिए ।
2. विजली व पानी को पर्याप्त 24 घंटे व्यवस्था
होनी चाहिए ।
3. पराजीनी फसलों की बुवाई अलग - अलग
चैम्बर में करानी चाहिए ।
4. परपरागण फसलों पर सल्किंग बैग लगाने
चाहिए ।
5. प्रोन हाउस के चारों ओर अन्य कोई फसलें एवं
फूल - पत्तियों के पौधों को नहीं लगाना चाहिए ।
6. पीयों के अवशेषों को इधर - उधर नहीं फेंकना
चाहिए । इस तरह अच्छा प्रबन्धन करके पराजोनी
फसलों को तैयार कर सकते है ।
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Awesome
ReplyDeleteNice content
ReplyDeleteThankYou 🙂❤️
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